Saturday, June 6, 2009

पूछा ज़रा ख़ुद से ........


आज बैठे एकांत में ।
पूछा ज़रा ख़ुद से
यूँ जीना क्या सही है ........?
उठने की इच्छा है ?"
या , अभी भी,
पलकों पे नींद सवार है ..........


ज़माने से जंग .........
ज़माने भर की चीजों के लिए
पूछा ज़रा ख़ुद से ..................
ढूंढ़ लिया ख़ुद को ?
या बुझी
नही प्यास तुम्हारी ?
अनंत अजेय प्यास ..................
वो प्यास ...
सर पे बैठी शराब..........
पूछा ज़रा ख़ुद से ?
उस नशे को छोड़
एक चाय का कप
पिया या नही ..............
वक्त के साथ भागते
आइना देखा या नही ...............
पूछा ज़रा ख़ुद से .....
सोचा ज़रा ''ख़ुद'' को .......



आकर्ष जोशी

2 comments:

Anonymous said...

good one
suits on u
just joking
badhia likha hain

Ankita Chauhan said...

आज बैठे एकांत में ।
पूछा ज़रा ख़ुद से
यूँ जीना क्या सही है ........?
उठने की इच्छा है ?"
या , अभी भी,
पलकों पे नींद सवार है ..........

nice one!!!